DC Generator क्या होता है?
वह मशीन जो यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है उसे विद्युत जनरेटर कहते हैं और वह विद्युत generator जिसमें यांत्रिक ऊर्जा DC विद्युत ऊर्जा मैं परिवर्तित होती है उसे DC जनरेटर या DC जनित्र कहते हैं ।
दरअसल जनरेटर में AC वोल्टेज ही उत्पन्न होता है उसे Commutator के द्वारा हम DC में परिवर्तित करते हैं. अतः commutator का प्रयोग उत्पन्न हुए AC वोल्टेज को DC Voltage में बदलने के लिए करते हैं
DC Generator |
डीसी जनरेटर का कार्य सिद्धांत ( working principle of DC generator)
डीसी जनरेटर फैराडे के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक प प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करता है।
फैराडे के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सिद्धांत के अनुसार जब किसी चालक को विद्युत क्षेत्र में घुमाया जाता है तो तो चालक मैं एक वोल्टेज उत्पन्न हो जाती है यह उत्पन्न Voltage AC होती है जिसको commutator के माध्यम से DC में बदलते हैं इस प्रकार हमें डीसी वोल्टेज प्राप्त होता है
डीसी जनरेटर के प्रकार ( types of DC generator)
1. permanent magnet DC generator
इस प्रकार के जनरेटर में परमानेंट मैग्नेट का प्रयोग किया जाता है .इसका प्रयोग कम मात्रा में वोल्टेज उत्पन्न करने में किया जाता है ।
2. Temporary magnet DC generator
इस प्रकार की जनरेटर में टेंपरेरी मैग्नेट का प्रयोग किया जाता है यह निम्न दो प्रकार के होते हैं
A. Separately excited DC generator
इस प्रकार की जनरेटर में फील्ड Pole को एक्साइटेड (उत्तेजित) करने के लिए फील्ड वाइंडिंग को बाहरी dc स्रोत जैसे बैटरी DC जनरेटर इत्यादि से जोड़ते हैं जिससे यह फील्ड वाइंडिंग मैं चुंबकीय फ्लक्स उत्पन्न होता है और rotar के घुमाए जाने पर वह चुंबकीय फ्लेक्स को काटता है और फैराडे के नियम के अनुसार उसमें वोल्टेज उत्पन्न होते हैं ।
B. Self excited DC generator
Self excited generator में फील्ड पॉल को excited करने के लिए किसी बाहरी स्रोत की आवश्यकता नहीं होती यह स्वयं की उत्पन्न वोल्टेज से excited होता है इसलिए इसे self-excited डीसी जनरेटर कहते है । यह निम्न तीन प्रकार का होता है
I. DC Series generator
Dc Series Generator में आर्मेचर फील्ड के सीरीज में लगाया जाता है। फील्ड मोटे तार का और कम लपेटो वाला होता है। बिना। लोड लगाये यह जैनेरेटर वि. वा.ब. पैदा नही करता .
अतः इसका उपयोग ऐसे कार्यो में किया जाता है। जिनमे लोड हर समय लगा रहे जैसे बूस्टर में। इस जैनेरेटर मे लोड करंट बढ़ने से टर्मिनल वोल्टेज भी बढ़ जाता है।
II. DC shunt generator
DC shunt Generator में आर्मेचर करंट दो भाग में बंट जाती है, एक फिल्ड और दूसरे बाह्म सर्किट में । फील्ड में से जाने वाली करंट का मान कम रखा जाता है। जिससे कि बाह्म सर्किट (लोड सर्किट ) के लिए अधिक करंट उपलब्ध रहे। अतः आर्मेचर तथा फील्ड दोनों समानान्तर में लगाये जाते है। फील्ड वाइंडिंग पतले तार की ओर अधिक Turn की बनाई जाती है। जैसा कि चित्र में दिखाया गया है।
यह जनरेटर बीना लोड(no load) के भी वि.वा.ब. पैदा कर सकता है।और लोड करंट बढ़ने से टर्मिनल वोल्टेज घट जाता है । इसका उपयोग बैट्री चार्जिंग आदि। कार्यो में किया जाता। है।
III. DC compound generator
0 Comments