Inductor
‘इंडक्टर अर्थात प्रेरक (inductor) इलेक्ट्रॉनिक परिपथ में प्रयोग होने वाला वह निष्क्रिय (passive) वैद्युत अवयव है जोकि इससे प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा से प्राप्त होने वाली विद्युत ऊर्जा को चुंबकीय क्षेत्र के रूप में संरक्षित करके रखता है।’
प्रेरक को साधारणतः चोक (choke) या प्रतिघातक (Reactor) भी कहा जाता है।
Inductors |
Inductor को हम एक कुंडली के माध्यम से समझने का प्रयास करते हैं। मान लीजिए कि एक कुंडली है जिससे कि ऐसी विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है जो कि लगातार समय के साथ बदल रही है तो ऐसी अवस्था में उस कुंडली में फैराडे के विद्युतचुंबकीय प्रेरण के सिद्धांत के अनुसार, एक विद्युत वाहक बल प्रेरित हो जाता है।
कुंडली में प्रेरित होने वाले इस विद्युत वाहक बल का मान कुंडली में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा के परिवर्तन की दर के अनुक्रमानुपाती होता है|
चूंकि सभी प्रकार की कुंडलियां विद्युत वाहक बल प्रेरित कर सकती हैं इसलिए इनके इस गुण के कारण सभी प्रकार की कुंडलियों को इंडक्टर अर्थात प्रेरक कहा जा सकता है।
हम सब जानते है की लेन्ज के नियमानुसार किसी कुंडली में प्रेरित होने वाला विद्युत वाहक बल ,सदैव उस कारण का विरोध करता है जिससे कि वह उत्पन्न होता है|
अतः इस आधार पर हम कह सकते है कि प्रेरक(Inductor) , विद्युत धारा के परिवर्तन का विरोध करता है क्योंकि प्रेरक में emf विद्युत धारा के परिवर्तन के कारण ही उत्पन्न होता है |
Types of inductor
Inductor में प्रयोग होने वाले क्रोड के पदार्थ के आधार पर प्रेरक विभिन्न प्रकार के होते हैं। जो कि निम्नलिखित है ।
- Air Core Inductor
वैसे तो इंडक्टर में सामान्यतः किसी ना किसी लौह-चुंबकीय प्रदार्थ से निर्मित चुम्बकीय क्रोड का प्रयोग किया जाता है परन्तु “Air core inductors” में किसी क्रोड का प्रयोग नहीं करते है अर्थात क्रोड के स्थान पर केवल वायु रहती है |कई Air core inductors में क्रोड के रूप में कुछ अचुम्बकीय प्रदार्थ जैसे- plastic , Ceramic आदि का प्रयोग किया जाता है|
- Air core inductor का प्रेरकत्व लौह-चुंबकीय क्रोड कुंडली की अपेक्षा कम होता है लेकिन फिर भी इसका प्रयोग उच्च आवृत्ति और निम्न प्रेरकत्व वाली युक्तियों में किया जाता है |
- Air core inductors का निम्न आवृत्ति पर प्रयोग करने का लाभ यह होता है कि इसमें क्रोड के कारण होने वाली उर्जा हानि बहुत कम होती है, जिसे क्रोड हानि कहते है| क्रोड हानि , आवृत्ति पर निर्भर करती है |
2. Iron Core Inductor
Ferromagnetic-core या iron-core inductors में क्रोड के रूप में लौह-चुंबकीय प्रदार्थ जैसे-लोहे आदि का प्रयोग किया जाता है|
किसी प्रेरक कुण्डली में चुम्बकीय क्रोड का प्रयोग करने से यह लाभ होता है कि प्रेरक कुण्डली का प्रेरकत्व कई गुना अधिक हो जाता है क्योंकि लौह-चुम्बकीय प्रदार्थों की magnetic permeability बहुत अधिक होती है |
इस प्रकार के inductors में लौह-चुम्बकीय क्रोड का प्रयोग करने से क्रोड हानि भी होती है|
क्रोड हानि निम्न प्रकार की होती है-
- Eddy currents losses
- Hysteresis losses
3. Ferrite Core Inductor
Ferrite-core inductor में क्रोड के रूप में Ferrite का प्रयोग किया जाता है |
Ferrite एक प्रकार का सेरेमिक है जिसका निर्माण iron के ऑक्साइड के साथ अन्य एक या एक से अधिक धात्विक तत्वों जैसे-barium,nickel, and zinc आदि को मिला क्र किया जाता है |
फेरिट एक प्रकार का कुचालक लेकिन चुम्बकीय प्रदार्थ है |
Ferrite-core inductor का का निर्माण उच्च आवृत्ति के लिए किया जाता है |
4.Laminat Core Inductor
निम्न आवृत्ति के इंडक्टर बनाने के लिए अक्सर लैमिनेटेड क्रोड का प्रयोग किया जाता है जिससे eaddy current के प्रवाह को रोककर इससे होने वाली उर्जा की हानि को समाप्त किया जा सके |
लैमिनेटेड क्रोड , निम्न चालकता के सिलिकोन स्टील प्रदार्थ का बना होता है |
5. Toroid Inductor
Toroidal Inductor को बनाने के लिए coil को एक ring आकार के क्रोड पर लपेटा जाता है |
इस इंडक्टर में चुम्बकीय फ्लक्स की हानि कम होती है |
इस प्रकार के इंडक्टर का प्रयोग चिकित्सीय उपकरणों ,संगीतीय उपकरणों ,रेफ्रिजरेटर , AC आदि में किया जाता है|
6. Variable inductor
इस प्रेरक का निर्माण इस प्रकार से किया जाता है कि इसके प्रेरकत्व के मान को, उसमे उपस्थित क्रोड को व्यवस्थित करके बदला जाता है |
इस प्रकार के प्रेरक का प्रयोग रेडियो या उच्च आवृत्ति के उपकरणों में किया जाता है, जहाँ पर tuning की आवश्यकता होती है |
Choke क्या होता है
चोक एक ऐसा प्रेरक है जिसको की किसी विद्युत् परिपथ में प्रवाहित होने वाली उच्च आवृत्ति की प्रत्यावर्ती धारा को रोकने के लिए डिजाइन किया जाता है।
उम्मीद करते हैं कि आप को Inductor क्या होता है Inductor कितने प्रकार के होते हैं ,के बारे में दी गई जानकारी अच्छे से समझ में आ गई होगी अगर आपका कोई अन्य सवाल यह सुझाव हो तो नीचे कमेंट करें
धन्यवाद!
धन्यवाद!
2 Comments
thanks
ReplyDeleteThank you
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