Synchronous Motor क्या होता है? संरचना, Working principle तथा उपयोग का पूरा वर्णन-


 Synchronous Motor 

ऐसा मोटर जो synchronous speed पर चलता है उसे synchronous motor कहते हैं सिंक्रोनस मोटर एक constant speed मोटर होता है अर्थात इस मोटर की स्पीड बदलती नहीं है 
यह मोटर सिंक्रोनस स्पीड पर electrical energy को mechanical energy में बदलती है।

 Synchronous Motor की संरचना 

Synchronous Motor में मुख्य रूप से 2 भाग होते हैं
1- Stator
2- Roter 




स्टेटर  मशीन का स्थिर भाग होता है जिस पर Armature winding की गई होती है आर्मेचर वाइंडिंग EMF  उत्पन्न करने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
और रोटर पर field winding की जाती है रोटर को स्टील की पत्तियों से लेमिनेट करके बनाया जाता है लेमिनेट करने से Hysteresis loss कम हो जाता है।

 Synchronous Motor का रोटर दो प्रकार से बनाया जाता है

a- silent pole type rotor
b- cylindrical rotor

Silent pole type rotor medium  और low speed के लिए बनाए जाते हैं जो हाइड्रो पावर प्लांट में प्रयोग किया ते हैं जबकि cylindrical rotor high speed के लिए बनाए जाते हैं जिसका प्रयोग थर्मल पावर प्लांट मे किया जाता है।

 Synchronous Motor की working 

Synchronous Motor  में स्टेटर और रोटर दोनों को एक साथ excited किया जाता है स्टेटर को 3-phase supply से तथा रोटर को DC supply से excited करते हैं जब stator को 3 फेज सप्लाई दी जाती है तो स्टेटस में रोटेटिंग मै फील्ड उत्पन्न हो जाता है इस रोटेटिंग मैग्नेटिक फील्ड के कारण स्टेटर में north और South pole बनते हैं AC Supply sinusoidal  होने के कारण स्टेटर में बने North और South pole और प्रत्येक हाफ साइकिल में क्रमशः change होते रहते हैं।

Rotar को DC supply से excited किया जाता है डीसी सप्लाई constant supply होने के कारण रोटर में एक Fixed flux उत्पन्न हो जाता है जिसके कारण रोटर के एक सिरे पर North और दूसरे सिरे पर South पोल बन जाते हैं।
क्योंकि स्टेटर का pole प्रत्येक half cycle मैं Change होता रहता है और Roter Pole fixed  होती है। जब रोटर और स्टेटर पोल same polarity के होते हैं तो यह एक दूसरे को प्रतिकर्षण (repel) तथा जब विपरीत पोलैरिटी के होते हैं तो यह एक दूसरे को आकर्षित (Attract) करते हैं जिसे नीचे फिगर से आसानी से समझा जा सकता है


AC supply के पहले Half cycle में ये एक दूसरे को Atrract(आकर्षित) और दूसरे Half cycle में repel( प्रतिकर्षित) करते हैं जिसके कारण Roter पर एक ही स्थान pulsate( कंपन) करने लगता है और यही कारण है जिससे सिंक्रोनस मोटर self start नहीं होती है


इसलिए Synchronous Motor को स्टार्ट करने के लिए prime mover की जरूरत होती है जो रोटर को स्टेटस के साथ सिंक्रोनस स्पीड पर घुमा सकें.
जब रोटर सिंक्रोनस स्पीड पर घूमने लगती है तो prime mover को हटा देते हैं और Roter को DC SUPPLY से कनेक्ट कर देते हैं जो रोटर के सिरों पर North और South पोल बनाते हैं.    
यह रोटर पोल स्टेटर  के North और South pole  के साथ इंटरलॉक हो जाता है और इस प्रकार रोटर, स्टेटर के मैग्नेटिक फील्ड के साथ घूमना स्टार्ट कर देता है और मोटर सिंक्रोनस स्पीड पर चलने लगती है।

 • Important point • 

 of Synchronous Motor


  •  Synchronous Motor का स्पीड लोड पर निर्भर नहीं करता है मतलब लोड बदलने से स्पीड पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
  • Synchronous Motor सेल्फ स्टार्ट मोटर नहीं होती है इसको प्राइम मूवर ओर की सहायता से  Synchronous speed पर चलाया जाता है।
  • Synchronous Motor को प्राइम मूवर , रोटर पर  डैंपर बाइंडिंग (Damper Winding) या फिर ponny motor से चलाते हैं।



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1 Comments

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