लेड एसिड बैटरी
लेड एसिड बैटरी का प्रयोग सबसे ज्यादा
इनवर्टर में किया जाता है।
लेड एसिड बैटरी का आविष्कार 1859 में फ्रेंच के एक वैज्ञानिक Gaston Planté ने किया था. जिसे रिचार्ज कर सकते थे. लेड एसिड बैटरी एक सेकेंडरी सेल टाइप की होती है. जिसे हम बार-बार इस्तेमाल करके रिचार्ज कर सकते हैं. इसीलिए इसका इस्तेमाल काफी ज्यादा किया जाता है और इसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिकल इंडस्ट्रीज से लेकर ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में भी किया जाता है. जितने भी वाहन होते हैं उनमें
लेड एसिड बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है।
चलिए जान लेते हैं कि इस बेटरी के अंदर कौन-कौन से पार्ट होते हैं
लेड एसिड बैटरी के पार्ट
लेड एसिड बैटरी दिखने में आपको बिल्कुल साधारण दिखती है लेकिन यह निम्न पार्ट से मिलकर बना होता है-
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Lead Acid battery के भाग |
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कंटेनर(Container)
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प्लेटे (Plates)
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इलेक्ट्रोलाइट (Electrolyte)
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सेपरेटर (Separator)
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सैल कवर ( Cell Cover )
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सैल कनेक्ट (Cell Connector)
कंटेनर(Container)
बैटरी के अंदर लगी प्लेटें सेपरेटर इलेक्ट्रोलाइट आदि को रखने के लिए एक कंटेनर का इस्तेमाल किया जाता है बैटरी के चारों तरफ का भाग बैटरी का कंटेनर होता है।
प्लेटे (Plates)
बैटरी में दो प्रकार की प्लेटें लगाई जाती है पॉजिटिव प्लेट शीशे की जालीदार लेट होती है जिस पर रेड लेड पर ऑक्साइड (Red PbO2) की परत चढ़ी होती है जबकि नेगेटिव प्लेट पर लेड ऑक्साइड ( PbO2) की परत चढ़ी होती है दोनों प्लेटों को हल्के Dil H2SO4 के solution में रखा जाता है इन दोनों प्लेटों में से नेगेटिव प्लेट की संख्या पॉजिटिव प्लेट किस संख्या से 1 अधिक होती है जिससे कि वह पॉजिटिव प्लेट को पूरा ढक ले।
इलेक्ट्रोलाइट (Electrolyte)
लेड एसिड बैटरी में इलेक्ट्रोलाइट के रूप में हल्के H2SO4 के तेजाब का इस्तेमाल किया जाता है. इलेक्ट्रोलाइट में पॉजिटिव और नेगेटिव दोनों प्लेटें डूबा कर रखी जाती है .और इलेक्ट्रोलाइट ही प्लेटों से रासायनिक क्रिया करा कर विद्युत पैदा करता है. इलेक्ट्रोलाइट सल्फ्यूरिक एसिड और शुद्ध पानी का मिश्रण होता है।
सेपरेटर (Separator)
हम जानते हैं कि कंटेनर में पॉजिटिव और नेगेटिव दोनों प्लेटें इलेक्ट्रोलाइट में डूबा कर रखी जाती है. इन दोनों प्लेटों को आपस में मिलने से बचाने के लिए किसी कुचालक पदार्थ का इस्तेमाल किया जाता है .जिसे
Seprator कहते हैं. यह लकड़ी, रबड़ , प्लास्टिक किसी का भी हो सकता है।
सैल कवर ( Cell Cover )
सेलो को ढकने के लिए एक कवर का इस्तेमाल किया जाता है जिसे सेल कवर कहते हैं यह ठोस रबड़ से बना होता है. सेल कवर पर ही दोनों पॉजिटिव और नेगेटिव टर्मिनल को लगाया जाता है. आपको अक्सर बैटरी पर दो टर्मिनल देखने को मिलते हैं यह दोनों टर्मिनल सेल कवर के ऊपर ही लगे होते हैं।
सैल कनेक्ट (Cell Connector)
एक सामान्य लेड एसिड बैटरी में छह सेल होते हैं जिन्हें आपस में जोड़ने के लिए सेल कलेक्टर का इस्तेमाल किया जाता है. हर एक सेल 2 वोल्ट की सप्लाई देता है और सभी सेल को मिलाने के बाद में पूरी बैटरी 12 वोल्ट की सप्लाई देती है।
1 Comments
Thanks sir ji
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