फ्लेमिंग के बाएं हाथ का नियम क्या है? || Fleming's left hand rule.


Fleming’s left hand rule 

||फ्लेमिंग के बाएं हाथ का नियम||


यह नियम John Ambrose Fleming के द्वारा दिया गया था|
जब किसी धारावाही चालक (Current carrying conductor) को किसी चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic field) में रखा जाता है तो वह चालक स्वयं के ऊपर एक बल का अनुभव करता है| इस बल की दिशा को ही ज्ञात करने के लिए ही Fleming’s left hand rule का प्रयोग किया जाता है|



यह बल चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic field) और चालक में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा (Electric current) के लंबवत  (Perpendicular) कार्य करता है|


Fleming’s left hand rule के अनुसार-



इस नियम के अनुसार यदि हम अपने बाएं हाथ के अंगूठे और उसके पास वाली दोनों अंगुलियों,  तर्जनी और मध्यमा को इस प्रकार से व्यवस्थित करें कि वे एक-दूसरे के लंबवत हो
अर्थात एक दूसरे से 90 डिग्री के  कोण  पर हो , तो


फ्लेमिंग के अनुसार यदि बाएं हाथ की तर्जनी अंगुली चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic field) के दिशा को प्रदर्शित करती है और मध्यमा अंगुली चालक में प्रवाहित हो रही विद्युत धारा (Electric current) की दिशा को प्रदर्शित करती है तो बाएं हाथ का अंगूठा उस चालक पर कार्य करने वाले चुंबकीय बल (Magnetic force) की दिशा को प्रदर्शित करता है|


फ्लेमिंग के बाएं हाथ के नियम (Fleming’s left hand rule) का प्रयोग मोटर के आर्मेचर के चालकों  पर कार्य करने वाले बल की दिशा को ज्ञात करने के लिए करते हैं|

चालक पर कार्य करने वाले बल F=Bil न्यूटन होगा |



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