Energy Meter क्या होता है? Energy Meter का कार्यसिद्धांत(working principle) तथा संरचना

 Energy Meter क्या होता है?

ऐसा मीटर जो बिजली के उपयोग(खपत) को मापने के लिए प्रयोग किया जाता है उसे Energy Meter कहते हैं।  Energy Meter किसी निश्चित समय तक उपयोग किए गए पावर को मापता है  इसीलिए इसे integrating type instrument भी कहते हैं । यह घरेलू तथा औद्योगिक स्थान पर ऊर्जा को  मापने के लिए प्रयोग किया जाता है।


Energy Meter क्या होता है? Energy Meter का कार्यसिद्धांत(working principle) तथा संरचना
Energy Meter

Energy Meter की संरचना

Single phase Energy Meter की संरचना नीचे दिखाई गई है-
इसमें मुख्य रूप से 4 भाग होते है-

1-Driving system
2- moving system 
3- braking system 
4- recording system

1- Driving system

Driving system  में दो इलेक्ट्रोमैग्नेट होते हैं ऊपर वाले मैग्नेट को shunt  और नीचे वाले को serise  मैग्नेट कहते हैं।
Series magnet current coil द्वारा load current से excited होता हैं जबकि shunt magnet supply के साथ जुड़ा होता है जिसमें प्रवाहित करंट ,वोल्टेज  के समानुपाती होता है इसलिए इसे वोल्टेज coil (pressure coil) भी कहते हैं।
मैग्नेट के बीच के limb  में Adjustable copper Ring लगा होता है जिसका मुख्य कार्य shunt magnet द्वारा उत्पन्न Flux को सप्लाई वोल्टेज की लंबवत (90°) बनाए रखना होता है।

Energy Meter क्या होता है? Energy Meter का कार्यसिद्धांत(working principle) तथा संरचना



2- Moving system

Moving system में एलमुनियम disk का होता है जो इलेक्ट्रोमैग्नेट के  बीच air gap मैं होता है इस Disk मैं Euddy current उत्पन्न होता है जो magnetic flux को कट करता है जिससे डिस्क में एक Deflecting Torque  उत्पन्न हो जाता है.
जब device power Consume करती  है तो एलमुनियम डिक्स घूमना स्टार्ट कर देती है और घूमने के पश्चात consume किए गए लोड को डिस्प्ले पर दिखाते हैं यह Disk  उपयोग किए गए पावर को  KILOWATT HOURS में मापता है

3- Breaking Torque


Aluminum Disk की गति को कम करने के लिए permanent breaking मैगनेट का प्रयोग करते  है यह मैग्नेट एलमुनियम डिस्क में उत्पन्न होने वाले Euddy current के flux को कट करता है जिससे एक Breaking Torque उत्पन्न होता है ।
Breaking Torque को उत्पन्न करने के लिए प्रयोग किया गया परमानेंट मैग्नेट Adjustable होता है जिसे Disk के पास ले जाने पर Breaking Torque कम हो जाता है और स्पीड बढ़ जाती है तथा इससे दूर ले जाने पर Breaking Torque बढ़ जाती है और स्पीड कम हो जाती है।

4- Recording system


यह Disk के रोटेशन को रिकॉर्ड करता है जिसमें gear machnism लगे होते है। डिस्क का रोटेशन खपत किए गए पावर (Consume power in KWHr) के समानुपाती होता है।

Working principle of Energy Metre



Energy Meter  में एलमुनियम disk होता है जो कंज्यूम  किए गए पावर को किलो वाट हावर (KWH) में दिखाता है
यह Disk,  series और shunt magnet के बीच Air gap मैं  रखा होता है।

Energy Meter क्या होता है? Energy Meter का कार्यसिद्धांत(working principle) तथा संरचना



 Shunt magnet में potential coil(pc)  तथा serise magnet में current coil(cc) होती है।  पोटेंशियल क्वायल सप्लाई वोल्टेज के कारण , जबकि करंट कॉइल लोड करेंट के  कारण flux create करता है । 
Potential coil में जो फ्लेक्स उत्पन्न होता है वह current coil  से 90 डिग्री lagging होता है जोकि disk में उत्पन्न Euddy current के कारण होता है। इस flux और euddy करंट के बीच interaction  के कारण एक torque उत्पन्न होता है जिससे डिस्क घूमना स्टार्ट कर देती है इसके घूमने की गति खपत किए गए  ऊर्जा के समानुपाती होता है। जो की रिकॉर्डिंग सिस्टम द्वारा Record कर लिया जाता है । 


इस पोस्ट में हमने आपको एनर्जी मीटर क्या होता है energy meter की संरचना  तथा कार्य सिद्धांत के बारे में बताया अगर  आपका कोई अन्य सवाल या सुझाव है तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करें।
 धन्यवाद!





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1 Comments

  1. aapne apna blog bahut accha banaya hain lekin aap apne blog par aur active rahiye , hm apko hmesa support krenge . best regard Technical Samaj

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